भारत की छवि पर दाग: विदेशों में भारतीय पर्यटकों का दुर्व्यवहार और उसका प्रभाव
प्रस्तावना
पर्यटन केवल घूमना-फिरना नहीं होता, यह एक देश की संस्कृति, सभ्यता और व्यवहार का परिचय भी होता है। जब कोई भारतीय नागरिक विदेश जाता है, तो वह केवल अपनी यात्रा का आनंद नहीं लेता, बल्कि वह भारत का प्रतिनिधि भी होता है। लेकिन हाल के वर्षों में एक चिंताजनक प्रवृत्ति देखने को मिली है — कुछ भारतीय पर्यटक विदेशों में अशोभनीय, असभ्य और अनुचित व्यवहार कर रहे हैं, जिससे न केवल उनकी व्यक्तिगत प्रतिष्ठा को आघात पहुंचता है, बल्कि पूरे देश की छवि को भी नुकसान होता है।
1. विदेशी धरती पर गलत व्यवहार: एक बढ़ती हुई समस्या
विभिन्न देशों से रिपोर्ट आई हैं कि कुछ भारतीय पर्यटक होटल स्टाफ से दुर्व्यवहार करते हैं, सार्वजनिक स्थानों पर गंदगी फैलाते हैं, कतारों का पालन नहीं करते, ऊँची आवाज में बात करते हैं, और यहां तक कि महिलाओं से भी असभ्य व्यवहार करते हैं। कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं, जहां भारतीय पर्यटक फ्लाइट में कर्मचारियों से लड़ते दिखाई दिए, होटल में झगड़ा करते नजर आए या फिर स्थानीय संस्कृति का अपमान करते दिखे।
2. इन घटनाओं के प्रमुख कारण
1. संवेदनशीलता की कमी
कई भारतीयों को विदेशों की संस्कृति, नियमों और स्थानीय परंपराओं की जानकारी नहीं होती। वे यह नहीं समझते कि हर देश के अपने सामाजिक नियम और मर्यादाएं होती हैं जिन्हें सम्मान देना जरूरी है।
2. अहंकार और “पैसा है तो सब कुछ कर सकते हैं” वाली मानसिकता
कुछ पर्यटक यह मान लेते हैं कि क्योंकि वे पैसे खर्च कर रहे हैं, इसलिए उन्हें किसी भी तरह का व्यवहार करने का हक है। यह मानसिकता बेहद खतरनाक है और वैश्विक स्तर पर भारत की साख को नुकसान पहुंचाती है।
3. शिक्षा और व्यवहारिक प्रशिक्षण की कमी
हमारे देश में पर्यटकों को यह सिखाने की कोई ठोस व्यवस्था नहीं है कि विदेशों में किस प्रकार से व्यवहार करना चाहिए। खासकर पासपोर्ट या वीज़ा मिलने के समय इस तरह की कोई मार्गदर्शिका नहीं दी जाती।
3. विदेशों में घटित प्रमुख घटनाएं
1. बाली (इंडोनेशिया)
बाली में भारतीय पर्यटकों द्वारा होटल से सामान चुराने की घटना ने मीडिया में खूब सुर्खियाँ बटोरी। CCTV में कैद वीडियो में कुछ पर्यटक होटल से तौलिये, सजावटी वस्तुएँ और इलेक्ट्रॉनिक सामान चुराते नजर आए। इससे भारतीय पासपोर्टधारकों पर संदेह की नजर बढ़ी।
2. थाईलैंड
थाईलैंड में भारतीय पुरुषों के एक समूह ने महिला कलाकारों के साथ अशालीन व्यवहार किया, जिससे आयोजकों को कार्यक्रम बंद करना पड़ा। इससे भारत को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा और स्थानीय मीडिया में यह खबर प्रमुखता से छपी।
3. यूरोपीय देश
इटली, फ्रांस, और स्पेन जैसे देशों में भारतीय पर्यटकों द्वारा सार्वजनिक स्थलों पर गंदगी फैलाना और जोर-जोर से बोलना आम शिकायत रही है। मेट्रो में जोर से बात करना, कतार तोड़ना और गलत जगह बैठना जैसी बातें विदेशी नागरिकों को चौंका देती हैं।
4. सामाजिक मीडिया और डिजिटल शर्मिंदगी
आज के दौर में कोई भी घटना छुपी नहीं रहती। जैसे ही किसी भारतीय का दुर्व्यवहार कैमरे में कैद होता है, वह कुछ ही मिनटों में वायरल हो जाता है। इससे भारतीय पासपोर्ट धारकों की छवि प्रभावित होती है। कई बार अन्य देशों की सरकारें भारतीय पर्यटकों के लिए विशेष निर्देश जारी करती हैं, जिससे पूरे देश को शर्मिंदगी झेलनी पड़ती है।
5. इसका असर भारत की छवि पर
विदेशों में भारतीयों के इस तरह के दुर्व्यवहार से भारत की वैश्विक साख को गहरा धक्का पहुंचता है। भारत को "संस्कृति और सभ्यता का देश" कहा जाता है, लेकिन जब उसके नागरिक गैर-जिम्मेदार व्यवहार करते हैं, तो यह छवि धूमिल हो जाती है। इससे पर्यटन, व्यापार, और वैश्विक संबंधों पर भी असर पड़ सकता है।
6. समाधान और आवश्यक कदम
1. पर्यटकों के लिए मार्गदर्शन अभियान
सरकार को विदेश जाने वाले हर नागरिक को एक दिशा-निर्देश पुस्तिका देनी चाहिए, जिसमें विदेशी संस्कृति, नियमों और अपेक्षित व्यवहार की जानकारी दी जाए।
2. जागरूकता अभियान
एयरपोर्ट, यात्रा कंपनियाँ और ऑनलाइन टिकटिंग प्लेटफॉर्म्स को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यात्रियों को विदेशों में क्या करना है और क्या नहीं, इसकी स्पष्ट जानकारी मिले।
3. स्कूल और कॉलेज स्तर पर सामाजिक शिक्षा
छात्रों को शुरू से ही वैश्विक नागरिक बनने की दिशा में शिक्षित करना आवश्यक है। यदि उन्हें विविध संस्कृतियों का सम्मान करना सिखाया जाए, तो वे बाहर जाकर भारत की बेहतर छवि प्रस्तुत कर सकते हैं।
4. प्रवासी भारतीय समुदाय की भूमिका
विदेशों में बसे भारतीय समुदाय को भी यह जिम्मेदारी निभानी चाहिए कि वे नए पर्यटकों को सही दिशा में मार्गदर्शन दें।
7. मीडिया और सिनेमा की भूमिका
भारतीय सिनेमा और वेब सीरीज में कई बार यह दिखाया जाता है कि विदेश में जाकर किसी भी तरह का बर्ताव किया जा सकता है। यह गलत संदेश देता है। मीडिया को चाहिए कि वह लोगों को जिम्मेदार यात्रा की प्रेरणा दे और दुर्व्यवहार की घटनाओं की आलोचना करे।
8. विदेशी सरकारों की प्रतिक्रिया
कई देशों ने भारतीय पर्यटकों को लेकर कड़े नियम बनाए हैं। कुछ होटलों ने भारतीय पर्यटकों को एडवांस सिक्योरिटी डिपॉज़िट देना अनिवार्य कर दिया है। कुछ जगहों पर तो भारतीय टूरिस्ट ग्रुप को विशेष निगरानी में रखा जाता है। यह स्थिति चिंताजनक है।
निष्कर्ष
भारतीय नागरिकों को यह समझना होगा कि वे जब विदेश जाते हैं, तो वे केवल एक व्यक्ति नहीं होते, बल्कि पूरे भारतवर्ष की छवि को लेकर चलते हैं। उनके प्रत्येक कार्य, शब्द और व्यवहार से भारत का प्रतिनिधित्व होता है। यदि वे मर्यादा, सम्मान और समझदारी से व्यवहार करेंगे, तो भारत की प्रतिष्ठा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और बढ़ेगी। लेकिन अगर वे दुर्व्यवहार करेंगे, तो यह न केवल देश की छवि को नुकसान पहुंचाएगा, बल्कि भावी पीढ़ियों के लिए भी एक गलत मिसाल छोड़ जाएगा।
आइए, हम सब मिलकर यह संकल्प लें कि हम विश्व में भारत की सभ्यता और संस्कृति की सकारात्मक छवि प्रस्तुत करेंगे, और एक जिम्मेदार वैश्विक नागरिक बनेंगे।
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